किया हे बेनामी जायदाद लेनदेन का क़ानून और किन लोगों पर ये लागु किया जायेगा?
काले धन को जमा करने की मार झेल रहे लोगों के लिए फ़िलहाल तो बचने को कोई रास्ता दिखाई नहीं देता। ऐसे में (Benami jayedad) बेनामी जायदाद लेनदेन संशोधन अधिनियम, जो 1 नवम्बर 2006 से देश भर में लागु हो गया, उनके लिए ज़ख्मो पर नमक मलने जैसा है.
नए (Benami jayedad) बेनामी जायदाद लेनदेन संशोधन अधिनियम में किसी भी तरह की नरमी नहीं बरती गई हे, बल्कि इसे पहले से भी ज़ियादा सख्त बनाया गया है, जैसे पुराने (Benami jayedad) बेनामी जायदाद लेनदेन अधिनियम में (Benami jayedad) बेनामी जायदाद का पालन ना करने की सजह सिर्फ तीन साल या फिर कुछ चोट मोटा जुरमाना था. लेकिन नए (Benami jayedad) बेनामी जायदाद लेनदेन संशोधन अधिनियम के तहत यदि कोई व्यक्ति इस अधिनियम का उल्लंघन करता हुआ पाया गया तो उसकी सज़ा सात साल ते की गई है.
यही नहीं जुर्माने की रक़म 25% ते की गई हे, जो मार्किट रेट के हिसाब से (Benami jayedad) बेनामी जायदाद की कुल रक़म का 25% होगा.
या फिर जुर्म करने वाला व्यक्ति अगर कोई ऐसा व्यक्ति है जो जिसने जान बूझ कर कोई बड़ा घोटाला किया है तो 7 की कैद और जुर्माना दोनों ही उस पर लगाया जायेगा.
यदि किसी ने जान बूझ कर कोई गलत जानकारी दी तो सजा का प्रावधान अलग रखा गया है. जिसमे 6 महीने से लेकर 5 साल की सजह का प्रावधान और (Benami jayedad) बेनामी जायदाद के 10 % तक का जुरमाना ते किया गया है.
कोई भी ऐसा व्यक्ति जिसने अपने काले धन को छुपाने के लिए एक से अधिक जायदाद की खरीदारी अपने रिश्तेदारों, दोस्तों, या फिर अनजान कोगों के नाम पर की है, उन सभी लोगों पर (Benami jayedad) बेनामी जायदाद लेनदेन संशोधन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी.
बेनामी संपत्तियों या (Benami jayedad) बेनामी जायदाद के खिलाफ मोदी सरकार का ये क़दम रियल एस्टेट सेक्टर में बढ़ती हुई कीमतों को रोकने के लिए एक अच्छा क़दम माना जा रहा है.
बेनामी संपत्तियों या (Benami jayedad) बेनामी जायदाद संशोधन अधिनियम की वजह से उन लोगों के होश उड़ गए है जिन्होंने काले धन को छुपाने के लिए देश के कोने कोने में अलग अलग लोंगों के नामों से संपत्तियां खरीद रखी है, और कीमते बढ़ने पर वो मन चाहे दामों में उन संपत्तियों को खरीद कर अमीर से अमीर होते जा रहे है.